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खतरनाक हो सकता है मोचा तूफान:IMD ने कहा-150 Kmph की स्पीड से चल सकती है हवा, लैंड फॉल के बारे में पता नहीं

 

12 मई के आसपास मोचा साइक्लोन के बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है। - Dainik Bhaskar
12 मई के आसपास मोचा साइक्लोन के बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।

आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, अभी तक की स्थिति को देखकर हम कह सकते हैं कि यह म्यांमार तट की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जैसे ही यह लो प्रेशर से डीप डिप्रेशन में बदलेगा तब इसकी सही स्थिति का पता चल सकेगा। अभी समुद्र के अधिकांश हिस्सों के आसपास सतह का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक है।

अधिकारी ने कहा, "इस चक्रवात के तेज होने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं, यह एक खतरनाक चक्रवाती तूफान बन जाएगा।

12 मई को बांग्लादेश की ओर बढ़ सकता है मोचा तूफान

सोमवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना। 12 मई के आसपास मोचा साइक्लोन के बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है। मोचा साइक्लोन का असर पश्चिम बंगाल पर कितना पड़ेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह तूफान बांग्लादेश की तरफ बढ़ते हुए तटीय इलाकों से कितनी दूर रहेगा।

वेस्ट बंगाल के साउथ 24 परगना में सागर ब्लॉक डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल रूम ने मोचा तूफान तैयारियों को लेकर समीक्षा की।
वेस्ट बंगाल के साउथ 24 परगना में सागर ब्लॉक डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल रूम ने मोचा तूफान तैयारियों को लेकर समीक्षा की।

तीन राज्यों के लिए अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए भी अलर्ट जारी किया है। विभाग ने छोटे समुद्री जहाजों और मछुआरों को मंगलवार से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा है। इसके साथ ही 8 से 12 मई के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास पर्यटन और शिपिंग को को सीमित और कड़ी नजर रखने की बात कही है।

सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान जारी कहा था कि साइक्लोन से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा अगर मुश्किल हालात बनते हैं तो तटीय इलाकों से लोगों को बचाया जाएगा।

देखिए सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में क्या हैं मौजूदा हालात

ये तस्वीर भारतीय मौसम विभाग ने जारी की है। इसमें भारत के दक्षिणी राज्यों में भी अलर्ट बना हुआ है।
ये तस्वीर भारतीय मौसम विभाग ने जारी की है। इसमें भारत के दक्षिणी राज्यों में भी अलर्ट बना हुआ है।
  • दक्षिण बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना पर मध्यम से तीव्र हवा चल सकती है। रात में इन क्षेत्रों में गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
  • जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और आसपास के उत्तराखंड और दक्षिण छत्तीसगढ़ में में रात के समय इन क्षेत्रों में गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
  • मोचा तूफान का कुछ असर पूर्वोत्तर भारत में भी दिख सकता है। 11 से 17 मई के दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश में भारी वर्षा होने की संभावना है।

अब समझिए मई में तापमान कम होने की वजह और कब आएगी मानसून की बारिश...

ढाई महीने में आए 15 तूफानों से कम हुआ तापमान, 15 मई के बाद बढ़ेगा पारा

मौसम विज्ञानी आरके जेनामनी बताते हैं- 28 अप्रैल से लेकर 4 मई के बीच लगातार 3 सक्रिय और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आए। गर्मी के मौसम में एक हफ्ते के अंदर एक के बाद एक 3 पश्चिमी विक्षोभ आना बीते 20 साल में दुर्लभ घटना है। सर्दियों जैसी इस घटना के चलते ही गर्मी में दिन के तापमान में 10 से 15 डिग्री तक की गिरावट आई।

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, मार्च में 7, अप्रैल में 5-6 और मई में दो पश्चिमी विक्षोभ आए। यानी गर्मियों में 15 पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। अभी एक और आना है। इससे 3-4 दिन बारिश के आसार हैं। 15 मई के बाद तापमान बढ़ेगा। जून में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। ऐसे में यह दो दशक की सबसे छोटी गर्मी होने वाली है।

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