हनुमानगढ़ में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने पंजाब की तर्ज पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने और बकाया बिजली बिल माफ करने की मांग की है। आप कार्यकर्ताओं ने बिजली ग्राहकों से जुड़ी 11 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एसई को ज्ञापन सौंपा। पार्टी के जिला संयोजक सुरेन्द्र बेनीवाल ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार की ओर से जिन नीतियों को लागू किया गया है, उससे महंगाई चरम पर पहुंच गई हैं। आज मध्यम एवं निम्न वर्ग के लिए महंगाई से पार पाना असंभव हो रहा है। एक तरफ दिन-प्रतिदिन महंगाई बढ़ रही है तो दूसरी ओर लोगों के काम-धंधे चौपट हो रहे हैं। रोजगार ढूंढने से नहीं मिल रहा है और बेरोजगारी भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ-साथ राजस्थान की गहलोत सरकार भी मंहगाई बढ़ाने के लिए दोषी है। बेनीवाल ने कहा कि आज पूरे भारत में सबसे महंगी बिजली राजस्थान में बिक रही है। राज्य सरकार की ओर से 100 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की जाती है, लेकिन हिमाचल और गुजरात चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की थी। बेनीवाल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पिछले साढ़े चार सालों में हर 2 महीने बाद फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली के दाम बढ़ाए गए हैं। इससे राजस्थान का आम उपभोक्ता परेशान है। राजस्थान में जब-जब कांग्रेस का शासन आया है, तब-तब बिजली के दामों में भारी बढ़ोतरी की गई है। आज राज्य सरकार पूरे देश में सबसे महंगी बिजली अपने उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवा रही है।
उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आम लोगों को राहत दिलवाने के लिए पंजाब सरकार की तर्ज पर 300 यूनिट बिजली फ्री देने और बकाया बिजली बिल पंजाब सरकार की तर्ज पर माफ करने, बिजली बिलों में शामिल सभी प्रकार के अनावश्यक चार्जेज हटाकर बिजली दरों में कमी करने, बिजली की छिज्जत/चोरी, भ्रष्टाचार एवं बिजली कम्पनियों के कुप्रबंध के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर जनता पर डाले जाने वाले आर्थिक बोझ को कम करने, बिजली कंपनियों के कभी पूरे नहीं होने वाले घाटे को लेकर कंपनियों के लेखों की ऑडिट कैग से करवाकर इसका सोशल ऑडिट करवाने, राजस्थान के किसानों को खेती कार्य के लिए बिजली मुफ्त उपलब्ध करवाने, बिजली बिलों में भविष्य में फ्यूल सरचार्ज शामिल नहीं करने, बिजली विभाग में ठेका प्रथा को खत्म कर स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की है। इस मौके पर महेन्द्र मोहन, सुभाष पारीक, सुनील, प्रिन्स, मोहम्मद जमील, लीलाधर, पूनमचन्द, मनीराम, सीताराम शर्मा, पृथ्वीराज, हरपाल सिंह, राकेश कुमार, अशोक, मदन रेगर, शुभकरण शर्मा आदि मौजूद थे।